यशायाह

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अध्याय 12

उस दिन तू कहेगा, हे यहोवा, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, क्योंकि यद्यिप तू मुझ पर क्रोधित हुआ था, परन्तु अब तेरा क्रोध शान्त हुआ, और तू ने मुझे शान्ति दी है॥
2 परमेश्वर मेरा उद्धार है, मैं भरोसा रखूंगा और न थरथराऊंगा; क्योंकि प्रभु यहोवा मेरा बल और मेरे भजन का विषय है, और वह मेरा उद्धारकर्ता हो गया है॥
3 तुम आनन्द पूर्वक उद्धार के सोतों से जल भरोगे।
4 और उस दिन तुम कहोगे, यहोवा की स्तुति करो, उस से प्रार्थना करो; सब जातियों में उसके बड़े कामों का प्रचार करो, और कहो कि उसका नाम महान है॥
5 यहोवा का भजन गाओ, क्योंकि उसने प्रतापमय काम किए हैं, इसे सारी पृथ्वी पर प्रगट करो।
6 हे सिय्योन में बसने वाली तू जयजयकार कर और ऊंचे स्वर से गा, क्योंकि इस्राएल का पवित्र तुझ में महान है॥